The Definitive Guide to हल्दी का नियमित सेवन करने के फायदे
इससे शरीर में कही भी दर्द हो बहुत जलदी आराम मिलता है। कमर दर्द या सिर दर्द हो ठीक हो जाता है।
• हल्दी का फेस पेक बनाकर उपयोग किया जाता है।
गठिया के दर्द में आराम एक बहुत बड़ा कारण है कि लोग हल्दी दूध और दूसरी आयुर्वेदिक चीजों के उपयोग के लिए जागरूक हुए हैं। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण गठिया के दर्द से निवारण पाने में फायदेमंद माने जाते हैं।
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हल्दी में मौजूद करक्यूमिन इम्युनिटी को बूस्ट करने के साथ ही फ्री रेडिकल्स के प्रभाव को कम कर देती हैं। वहीं हल्दी में में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-वायरल गुण शरीर को संक्रमण से लड़ने के लिए तैयार करते हैं।
ऐसा करने से पेट दर्द से राहत मिल सकती है.
सामान्यतः १ से २ ग्राम हल्दी का रोज सेवन कर सकते है। यदि आप किसी बीमारी में हल्दी का उपयोग कर रहे है तो पहले किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
पाचन क्रिया खराब होने की वजह से मुँह में छाले हो जाते है। हल्दी में उष्ण गुण होते है। जिससे पाचकाग्नि को ठीक करने में मदद मिलती है। हल्दी मुँह के छालों को जल्द ही ठीक कर देती है।
लिवर शरीर को डिटॉक्स करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हल्दी का पानी विषहरण प्रक्रिया में शामिल एंजाइमों के उत्पादन को बढ़ावा देकर यकृत स्वास्थ्य का समर्थन करने में मदद कर सकता है। इसके अतिरिक्त, इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण लीवर को विषाक्त पदार्थों और मुक्त कणों से होने वाले नुकसान से बचाने में मदद करते हैं।
कच्ची हल्दी पीने से क्या होता है? माना जाता है की सूखी हल्दी से ज्यादा कच्ची हल्दी फायदेमंद होती है। खासतौर पर सर्दियों के मौसम में तो कच्ची हल्दी रामबाण की तरह है।
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हल्दी में एक खास तरह का क्षारीय तत्व पाया जाता है जो कैंसर विरोधी होता है हल्दी का सेवन करने से यह हमारे शरीर में म्यूटाजेन तत्व का निर्माण होने से रोकता है यह तत्व हमारे शरीर की कोशिकाओं के डीएनए को नुकसान पहुंचाता है । कैंसर के रोगियों को दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलाकर नियमित सेवन करने से फायदा मिलता है ।
लिवर से संबंधित समस्या में कच्ची हल्दी फायदेमंद रहती है। कच्ची हल्दी का अचार, चटनी या किसी ना किसी रूप में सेवन जरूर करे। फैटी लिवर डिजीज, लिवर की विषाक्तता, लिवर सिरोसिस की बिमारियों में कच्ची हल्दी का सेवन करना लाभदायक होता है। लिवर से जुड़ी बीमारी के मरीजों को हल्दी का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श कर लेना चाहिए।
अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.